भारत, चीन, रूस दुनिया का नया इतिहास रच सकते हैं — पर रूस.

भारत, चीन, रूस दुनिया का नया इतिहास रच सकते हैं — पर रूस...

भारत, चीन, रूस दुनिया का नया इतिहास रच सकते हैं — पर रूस...

भारत चीन रूस इतिहास

प्रस्तावना: 21वीं सदी का विश्व बहुध्रुवीय बन रहा है... (पूरा लेख यहां पेस्ट करें)

1. त्रिकोणीय शक्ति का सामर्थ्य

भारत, चीन, और रूस — इन तीनों की सामूहिक शक्ति...

2. रूस की ऐतिहासिक भूमिका

सोवियत काल से लेकर यूक्रेन युद्ध तक रूस का भारत के साथ...

3. चीन की आक्रामकता और रूस की चुप्पी

गलवान, CPEC, SCO में भारत की चिंता और रूस की चुप्पी...

4. यूक्रेन युद्ध और रूस की मजबूरी

रूस चीन पर निर्भर होता जा रहा है, भारत असहज है...

5. भारत की रणनीतिक सक्रियता

भारत अपने फैसलों में अब पूरी तरह स्वतंत्र हो चुका है...

6. पर रूस...

रूस अब चीन का जूनियर पार्टनर बन गया है, भारत को भूल गया है...

7. भारत के विकल्प

  • रणनीतिक स्वायत्तता बनाए रखना
  • रूस को चीन का विकल्प दिखाना
  • नई साझेदारियाँ बनाना

8. निष्कर्ष

भारत, चीन और रूस यदि चाहें तो इतिहास रच सकते हैं... परंतु रूस स्वयं सबसे बड़ी बाधा है।


लेखक: राजीव रंजन | स्रोत: samaykibat.com

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