विश्व जलवायु सम्मेलन: एक आवश्यकता और हमारी जिम्मेदारी

विश्व जलवायु सम्मेलन: एक आवश्यकता और हमारी जिम्मेदारी

विश्व जलवायु सम्मेलन: एक आवश्यकता और हमारी जिम्मेदारी

प्रकाशित: नवंबर 26, 2024

जलवायु परिवर्तन एक ऐसा वैश्विक संकट है, जिसका प्रभाव न केवल पर्यावरण पर पड़ रहा है, बल्कि यह मानव जीवन, कृषि, स्वास्थ्य, और आर्थिक संरचनाओं को भी प्रभावित कर रहा है। इस संकट से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई सम्मेलन और पहलें आयोजित की जाती रही हैं, जिनमें से सबसे प्रमुख है विश्व जलवायु सम्मेलन (COP)।

1. विश्व जलवायु सम्मेलन का उद्देश्य

इस सम्मेलन का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर साझा प्रयासों के माध्यम से ग्लोबल वार्मिंग को 1.5°C के भीतर बनाए रखना है। यह सम्मेलन देशों के बीच सहमति बनाने और कार्बन उत्सर्जन घटाने पर केंद्रित है।

2. जलवायु परिवर्तन और उसके प्रभाव

बढ़ती गर्मी, असामान्य वर्षा, बाढ़, सूखा, समुद्र स्तर में वृद्धि आदि जलवायु परिवर्तन के प्रत्यक्ष प्रभाव हैं। भारत जैसे विकासशील देश इसके प्रति विशेष रूप से संवेदनशील हैं।

3. विश्व जलवायु सम्मेलन का महत्व

यह सम्मेलन देशों को यह समझाने में मदद करता है कि जलवायु परिवर्तन केवल एक देश की समस्या नहीं है बल्कि एक वैश्विक आपदा है जिसे मिलकर ही सुलझाया जा सकता है।

4. भारत की भूमिका

भारत ने 2030 तक उत्सर्जन में 33-35% तक की कटौती का लक्ष्य रखा है। साथ ही, सौर ऊर्जा और हरित ऊर्जा की दिशा में तीव्र गति से कार्य कर रहा है।

5. वैश्विक समन्वय की आवश्यकता

जब तक सभी देश मिलकर कार्बन उत्सर्जन में कटौती नहीं करेंगे, तब तक जलवायु संकट का हल असंभव है। COP सम्मेलन इसी सामूहिक समन्वय की दिशा में कार्य करता है।

निष्कर्ष

जलवायु परिवर्तन अब केवल एक पर्यावरणीय समस्या नहीं, बल्कि मानव अस्तित्व का संकट है। COP जैसे मंच हमें मिलकर कार्य करने का अवसर देते हैं जिससे हम आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित भविष्य दे सकें।

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